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इंद्रिय समर्पण

4m · REFLECTIONS · 06 Jul 11:44

हमें मानव रूप में जन्म देकर भगवान कृष्ण ने हम पर कृपा की है। हम उनका ही सूक्ष्म अंश हैं। हमारा लक्ष्य उनकी प्रेमाभक्ति प्राप्त करना है। इसके लिए हमें अपनी समस्त इंद्रियों को श्री हरि की सेवा में लगाना चाहिए। कृष्ण कृपा से ही यह भजन लिखा गया। लेखिका- राज्यश्री जोशी ( कृष्ण दासी)

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इंद्रिय समर्पण

हमें मानव रूप में जन्म देकर भगवान कृष्ण ने हम पर कृपा की है। हम उनका ही सूक्ष्म अंश हैं। हमारा लक्ष्य उनकी प्रेमाभक्ति प्राप्त करना है। इसके लिए हमें अपनी समस्त इंद्रियों को श्री हरि की सेवा में लगाना चाहिए। कृष्ण कृपा से ही यह भजन लिखा गया। लेखिका- राज्यश्री जोशी ( कृष्ण दासी)

प्रभु तुम रोम-रोम में हमारे।

This is a bhajan dedicated to LORD KRSNA. By Lord Krsna's Blessings I was able to write it, compose it and sing it..LORD KRSNA is ALWAYS in my Heart, mind and thoughts. HIS presence in me makes me BLISSFUL & ABUNDANT. GRATITUDE LORD KRSNA.❤❤🧡🧡💛💛💚💚💙💙🤍🤍 राज्यश्री जोशी ( RAJYASHREE JOSHI- Krsna Dasi at FB)

इबादत ( लेखिका- राज्यश्री जोशी)

ईश्वर ने संपूर्ण सृष्टि को रचा है। हम सभी में उसका अंश है और उसकी ऊर्जा है। सांसारिक मोह का जाल जब तक हमें बांधे रखता है, हम अहंकार के अंधेरे में जीते रहते हैं और अपने ईश्वर से दूर हो जाते हैं। 'मैं तो कुछ भी नहीं, असली कर्ता ईश्वर है।' मेरी साँसों को चलाने वाला वही सृष्टि रचयिता है । उसका नाम हर पल लेती रहूँ- यही कामना है मेरी। कान्हा की आस में ही जीवन बिताने की "इबादत" है।

Deep jyoti namo namah

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Vakratund Mahakaya

Ganapati Shloka

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